sharaarat
रविवार, 12 जुलाई 2009
sharaarat
हैं अबोध हम नन्हें बालक,
हम बुराई न अच्छा समझें।
हम क्या जानें झूठ अभागी,
ना हम सबको सच्चा समझें।
-रंजन
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